अब तक हमने ये देखा कि आवेश दो प्रकार के होते है
1) : धनात्मक
2) : ॠणात्मक
समान आवेश के बीच प्रतिक्रर्षण ( विक्रर्षण ) गुण होता है|
असमान आवेश के बीच आक्रर्षण गुण होता है|
अब हम विधुत आवेश के कुछ अन्य महत्वपूर्ण गुणो के बारे मे अध्ययन करेंगे|
1* विधुत आवेश की योज्यता (Additivity,Addition of Electric Charges)
आवेशो की योज्यता का वह गुण जिस कारण दो बिंदु आवेश q1 और q2 हो तो इस निकाय का कुल आवेश q1 तथा q2 को बीजगणितीय रीति से जोड़ने पर प्राप्त होता है , अर्थात् आवेशों को वास्तविक संख्याओं की भाँति जोड़ा जा सकता है अथवा आवेश द्रव्यमान की भाँति अदिश राशि है ।
आवेश को धनात्मक तथा ॠणात्मक चिन्ह के साथ लिखा जाता है|
सुत्र :- आवेशो की योज्यता (q) =q1+q2+q3+------+qn
विद्युत आवेशों की योज्यता का उदाहरण :-
Ex- किसी वस्तु पर पांच आवेश है+2q,+8q, -4q, -6q तथा +7q तो विद्युत आवेशों की योज्यता ज्ञात करे?
इसलिए कुल आवेश q=2+8+(-4)-6+7
=10-4+1
=6+1
= 7c Ans
Note:-अगर किसी वस्तु पर कुल आवेश ज़ीरो है तो वह वस्तु उदासिन माना जाता हैं|
2*विधुत आवेश का संरक्षण सिद्धांत(conversation of charges)
आवेश का संरक्षण सिंधान्त बैैैैैैंजमिन फ्रैकलिन ने दिया था। इसके अनुसार आवेश ना तो उत्पन्न किया जाता है और ना ही नष्ट किया जाता है, बल्कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित होते हैं यह ब्रह्मांड में सदैव संरक्षित रहते है|
उदाहरण :-
1) इलेक्ट्रॉन व पॉजिट्रॉन पर ठीक बराबर किंतु विपरीत प्रकृति के आवेश होते हैं| जब एक इलेक्ट्रॉन तथा एक पॉजिट्रॉन परस्पर संपर्क में आते हैं तो दोनों एक दूसरे को नष्ट करके ऊर्जा में बदल जाते हैं| इलेक्ट्रॉन और पॉजिट्रॉन के आवेशो का योग शून्य होता है, जो उनके ऊर्जा में बदलने पर शून्य ही रहता है|
2) नाभिकीय अभिक्रियाओं में भी आवेशों का संरक्षण होता है, जैसे नाभिकीय विखंडन की घटना में--
3*आवेश का क्वाण्टीकरण (QUANTISATION OF CHARGE)
आवेश का वह न्यूनतम मान ( मुल आवेश) जिसका आदान- प्रदान प्रकिया मे उपयोग किया जाता है, उसे उस भौतिक राशि का क्वांटम तथा इस प्रक्रिया को आवेश का क्वांटीकरण कहते हैं|
#:- इस न्युनतम आवेश को मुल आवेश कहा जाता है|
मुल आवेश (कूलॉम्ब में)=e= 1.6×10−19 C
2. किसी भी आवेश को अनिशिचत रूप में विभाजित नहीं की जा सकती है, इसके न्यूतम मान को मौलिक आवेश कहा जाता है, इस क्रिया को विधुत आवेश का क्वांटीकरण कहा जाता है|
3. आवेश का वह न्यूनतम मान (e) जिसका आदान-प्रदान प्रक्रिया में उपयोग किया जा सकता है उसे उस भौतिक राशि का क्वाण्टम तथा इस प्रक्रिया को क्वांटीकरण कहते है। आवेश का स्थानांतरण e के गुणज के रूप में होता है तथा न्यूनतम मान 1e होता है। उदाहरण : ... एक समान वेग से गतिशील आवेश वैधुत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।
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