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Tuesday 8 June 2021

क्रिस्टलीय ठोसों का वर्गीकरण (classification of crystalline ) , क्रिस्टलीय ठोस के प्रकार

क्रिस्टलीय ठोस ( Crystalline solid ) :-क्रिस्टलीय ठोस वे ठोस है जिसमें अवयवी कण निश्चित क्रम मे व्यवस्थित होते हैं, तथा जिसकी एक निश्चित ज्यामिति होती है, तथा इसका ग्लनांक एवं क्वथनांक निश्चित होता है।

उदाहरण :- NaCl , KCl , Fe , Au , Cu आदि

क्रिस्टलीय ठोसो का वर्गीकरण / प्रकार ( classification of Crystalline Solid) :-

क्रिस्टलीय ठोस प्रायः चार प्रकार के होते हैं।

i ) आण्विक ठोस ( molecular crystal )
ii ) धात्विक ठोस ( metallic crystal)
iii ) सह-संयोजक ठोस (  crystal )
iv) आयनिक ठोस ( Ionic crystal)

i) आयनिक ठोस ( Ionic crystal)
आयनिक ठोस के अवयवी कण आयन होते हैं । ऐसे ठोसो का निर्माण धनायनो और ऋणायनो के त्रिविमिय विन्यासो में प्रबल कुलामी (स्थिर विधुत) बलो से बधने पर होता है। यह कठोर और भंगुर प्रकृति के होते है। इनका ग्लनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं। चूँकि इसमें आयन गमन के लिए स्वतंत्र नहीं होते है , अत: ये ठोस अवस्था में विधुतरोधी होते हैं। तथापि गलित अवस्था में अथवा जल में घोलने पर, आयन गमन के लिए मुक्त हो जाते है और वे विद्यूत का संचालन करते हैं।

उदाहरण :- Nacl , kcl आदि।

Nacl का ग्लनांक = 801°c

ii ) धात्विक क्रिस्टल ( metallic crystal) :

धात्विक ठोस वे है , जिनमे उपस्थित धन आवेशित मेटल आयन एक दूसरे से धात्विक आबंध द्वारा जुड़े रहते हैं। इनके अवयवी कण परमाणु परमाणु होते है, इसके बीच धनायन तथा इलेक्ट्रॉन के बीच आक्रर्षण बल कार्य करता है, इसका ग्लनांक ~800-1000k तक होते है इसमें विधुत के चालक ठोस अवस्था एवं गलित अवस्था में होते है। 

उदहरण: Na , fe आदि।


iii ) सह-संयोजक क्रिस्टल ( covalent crystal ) :

सह- संयोजक क्रिस्टल वे है जिनमें परमाणु एक दूसरे से सह संयोजक बंधन के नेटवर्क द्वारा जुड़े रहते है और इस प्रकार यह एक जाइन्ट अणु का निर्माण करता है। यह ठोस कठोर होते है और ग्रैफाइट ही सिर्फ मुलायम प्रकृति होते है । इसमें विधुत चालकता विधुतरोधी होती है और ग्रैफाइट के लिए चालक होती है। इसका गलनांक और कवथनांक अत्यधिक उच्च होता है।
 इसका गलनांक का मान करीब ~ 4000k के परास का होता है।

iv) आण्विक क्रिस्टल (moleculars crystal ) :

आण्विक ठोस में अवयवी कण अणु होते हैं , जिनके मध्य दुर्बल वांडर वाल्स बल होता है ।

उदाहरणः ( ठोस CO२ , I२)

आण्विक ठोस प्राय: तीन प्रकार के होते हैं।

a) अध्रुवी आण्विक क्रिस्टल :

अध्रुवी ठोस के अंतर्गत वे ठोस आते हैं जिनके अवयवी कण अणु होते हैं, इसमें परिक्षेपण अथवा लंडन बल उपस्थित होता है जिनके कारण इनमें आक्रर्षण बल उत्पन्न  होता है , तथा यह ठोस मुलायम होते है एवं इसमें विधुतचालकता विधुतरोधी होती है, इसका गलनांक अत्यधिक निम्न होता है।

उदाहरण : Ar , H२ , I२ आदि।

b) ध्रुवीय आण्विक क्रिस्टल :
अध्रुवी ठोस के अंतर्गत वे ठोस आते हैं जिनके अवयवी कण अणु होते हैं, इसमें द्विध्रुव- द्विध्रुव बल उपस्थित होता है। जिनके कारण इसमें आक्रर्षण बल उत्पन्न होता है, यह ठोस मुलायम होती है। इसमें विधुतचालकता विधुतरोधी होती है , इसका गलनांक निम्न होता है।

उदाहरण: Hcl , SO२ आदि।

c)हाइड्रोजन आबंधित आण्विक क्रिस्टल :

हाइड्रोजन आबंधित ठोस के अंतर्गत वे ठोस आते हैं जिनके अवयवी कण अणु होते हैं, इसमें हाइड्रोजन आबंध बल उत्पन्न होता है, यह ठोस कठोर होती है, इसमें विधुतचालकत। विधुतरोधी होती है, इसका गलनांक निम्न होता है।

उदाहरण: H२0 बर्फ आदि |

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