# :- एम्बर शब्द का अर्थ इलेक्ट्रॉन होता है|
आवेश क्या है ?
किसी भी पदार्थ के निर्माण के लिए मूल कणो में से आवेश भी एक है , हालांकि आवेश की कोई निर्धारित परिभाषा (definition) नहीं है लेकिन आवेश को इसके (आवेश) के द्वारा उत्पन्न प्रभावों के माध्यम से समझाया जाता है|
- वैसा पदार्थ जिसे आ जाने से हल्की वस्तुओं को अपनी और आक्रर्षित करने का गुण आ जाता है, आवेश कहलाता है|
उदाहरण:
कांच की छड़ को जब रेशम के कपडे से रगड़ा जाता है तो कांच की छड़ पर धन आवेश तथा रेशम के कपडे पर ऋण आवेश आ जाता है।
आवेश का गुण :
1. समान आवेश के बीच प्रतिक्रर्षण (विकर्षण) गुण होता है
2. असमान आवेश के बीच आक्रर्षण गुण होता है|
3. आवेश अदिश राशि है|
4. आवेश मे सिर्फ परिमाण होता है|
4. एक इलेक्ट्रॉन का आवेश (e = 1.6×10^-19 कूलाम) एक प्राथमिक इकाई माना जाए अर्थात आवेश का क्वांटम तो किसी वस्तु पर आवेश e के पूर्णांको के गुणनफल के बराबर होगा अर्थात q = ± ne , यहाँ n = 1 , 2 , 3 , 4 . . . .. .
5. आवेश में मुक्त इलेक्ट्रॉन होता है|
आवेश की इकाई :
SI मात्रक या इकाई = कुलाम [1 कूलाम = 1 एम्पियर x 1 सेकंड]
esu = स्थिर वैद्युत इकाई
emu = विद्युत चुम्बकी इकाई
{ 1कुलॉम आवेश = 6.25×10^18 इलेक्ट्रॉन }
{ 1 कुलॉम आवेश =3×10^ 9 स्टेट कुलॉम }
आवेशों के प्रकार–
वैजामिन फ्रैंकलिन के अनुसार आवेश दो प्रकार के होते हैं|
1. धनावेश :- जब वस्तु इलेक्ट्रॉन का त्याग करती है तो वह वस्तु धनावेश होती है|
2. ॠणावेश :- जब वस्तु इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करती है तो वह वस्तु ॠणावेश होती है|
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