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Thursday 10 June 2021

क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस की परिभाषा क्या है | (crystalline and non crystalline solids) क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस में अंतर क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस की परिभाषा क्या है | (crystalline and Amerphous solids) क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस में अंतर

क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस से पहले हम ठोस पदार्थ क्या होता है जानेगे।
ठोस ( solid) : -
ठोस अवस्था पदार्थ की वह अवस्था है जिसके घटक कण ( अणु परमाणु, तथा आयन ) होते हैं, इसके मध्य एक प्रबल (strong ) आकर्षण बल कार्य करता है, तथा इनका आकार तथा आयतन निश्चित होता है, इसमें उपस्थित कण बहुत नजदीक होते है।



ठोस की विशेषताएँ ( charateristic of solid) : -
i) ठोस में आकार एवं आयतन निश्चित होता है।
ii) ठोस के कणों के मध्य की दूरी बहुत कम होती है अर्थात इनमें कण (परमाणु , अणु या आयन) बहुत पास पास स्थित होते है।
iii) ठोस में अन्तराण्विक प्रबल (strong) / शक्तिश।ली होता है। iv) ठोस कठोर तथा असंपीड्य होता है। 
V) ठोस का द्रवणांक / द्रव्यमान तीक्षण ( sharp) होता है| 

ठोसो का वर्गीकरण / प्रकार
ठोसों का वर्गीकरण दो प्रकार का होता है।

i) क्रिस्टलीय ठोस ( crystaline solid)

ii) अक्रिस्टलीय ठोस ( Amerphous solid )

किस्टलीय ठोस तथा अक्रिस्टलीय ठोस से पहले हम क्रिस्टल क्या होता है जानेगें।
क्रिस्टल ( crystal ) :- क्रिस्टल एक ऐसा ठोस पदार्थ है जो कण(अणु परमाणु व आयन ) से निर्मित हो, पुनरावर्ती क्रम में सजा हो तथा जिसका ज्यामिति रूप क्रिस्टल कहा जाता है।

i) क्रिस्टलीय ठोस :- क्रिस्टलीय ठोस वे ठोस है जिसमें अवयवी कण निश्चित क्रम मे व्यवस्थित होते हैं, तथा जिसकी एक निश्चित ज्यामिति होती है, तथा इसका ग्लनांक एवं क्वथनांक निश्चित होता है।

उदाहरण :- NaCl , KCl , Fe , Au , Cu आदि

क्रिस्टलीय ठोसो का गुण :-
i) क्रिस्टलीय ठोस में अव्ययी कण व्यवस्थित होते हैं।
ii) क्रिस्टलीय ठोस मे निश्चित ज्यामिति होती है।
iii) क्रिस्टलीय ठोस का ग्लनांक एवं क्वथनांक निश्चित होता है।
iv) क्रिस्टलीय ठोस विषम दैषिक होता है।
V) क्रिस्टलीय ठोस शीतलन वक्र असंतत होता है।
Vi ) क्रिस्टलीय ठोस को वास्तविक ठोस कहा जाता है | 

ii) अक्रिस्टलीय ठोस :- अक्रिस्टलीय ठोस वे ठोस है जिसमें अवयवी कण अनिश्चित क्रम मे व्यवस्थित होते हैं, तथा जिसकी एक अनिश्चित ज्यामिति होती है, तथा इसका ग्लनांक एवं क्वथनांक अनिश्चित होता है।

उदाहरण :- रबर , कांच और प्लास्टिक आदि अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण है।

अक्रिस्टलीय ठोसो का गुण :-
i) अक्रिस्टलीय ठोस में अव्ययी कण व्यवस्थित नहीं होते हैं।
ii) अक्रिस्टलीय ठोस मे अनिश्चित ज्यामिति होती है।
iii) अक्रिस्टलीय ठोस का ग्लनांक एवं क्वथनांक 

क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोस के बीच मध्य अंतर निश्चित नही होता है।
iv) अक्रिस्टलीय ठोस समदैषिक होता है।
V) अक्रिस्टलीय ठोस शीतलन वक्र संतत होता है।
Vi ) अक्रिस्टलीय ठोस को अतिषीतित द्रव कहा जाता है ।

क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोस के बीच मध्य अंतर






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