परावैघुतांक का नियम कूलॉम साहब ने दिया था।
किसी माध्यम (पदार्थ) की विधुतशीलता तथा निर्वात या हवा मे विद्युतशीलता के अनुपात की परावैधुतांक या आपेक्षिक विधुतशीलता कहते हैं।
इसे प्राय: εr या k से प्रदर्शित की जाती है।
जहाँ हम :- ε {एप्साइलोन}
ε₀ (एप्साइलोन नॉट)
εr ( एप्साइलोन r )
εr (आपेक्षिक परावैद्युतांक) एक विमाहीन राशि है अर्थात इसकी कोई विमा नहीं है।
कुछ माध्यम व उनके आपेक्षिक विद्युत शीलता के मान दिए गए है।
जहाँ k : - (नियतांक या स्थिरांक है)
k का मान = 1/4πε0 = 9 x 109 न्यूटन.मीटर2/कूलाम2
ε0 का मान = 8.85 x 10-12 कूलाम2/न्यूटन.मीटर2
ε का विमीय सूत्र = M-1L-3T4A2 है।
Xyz
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