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Friday 4 March 2022

विधुत द्विध्रुव क्या है, Electric dipole in hindi, वैधुत द्विध्रुव किसे कहते है , द्विध्रुव आधुर्ण क्या है , dipole moment in hindi, मात्रक, आधुर्ण विमा

                   वैधुत द्विध्रुव  (electric dipole.)
 समान परिमाण की विपरीत आवेश अल्पतम ( न्यूनतम ) दूरी पर स्थित हो तो इस निकाय को विद्युत द्विध्रुव कहा जाता है |

माना कि दो आवेश है जिनका परिणाम q है, तथा दोनों आवेश विपरीत प्रकृति के है, अर्थात एक -q और दूसरा आवेश +q है तथा इसकी दूरी 2a पर रखा गया है जो चित्र में विधुत द्विध्रुव का निर्माण किया गया है|


अध्रुवी अणु :- जब किसी अणु मे समान रूप में धन तथा ऋण आवेश हो तो ऐसे अणु का प्रभावी कैन्द्र एक ही होता है, तो ऐसे अणु पर मान उदासीन होता है वह आवेश अध्रुवी अणु कहते है, 

ध्रुव अणु : - जब किसी अणु पर धन तथा ऋण आवेश हो तो ऐसे अणु का प्रभावी कैन्द्र भिन्न या अलग होते है ऐसे अणु को ध्रुवी अणु कहते है

उदाहरण :- ध्रुवी अणु ( polar molecules ) जैसे  HCl होते हैं लेकिन H+ और cl - अध्रुवी अणु है, क्योकि इसमें एक धन अणु है तथा एक ऋण अणु अविश है तो ऐसे आवेश का प्रभावी कैन्द्र एक ही होता है।

            वैधुत द्विध्रुव आधुर्ण ( dipole moment )
विद्युत द्विध्रुव के किसी एक आवेश तथा दोनों आवेश के बीच की दूरी के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहा जाता है|
इसे प्रायः P से प्रदर्शित किया जाता है।

यदि आवेशो के परिमाण -q तथा +q हो तथा उनके बीच की दूरी 2a हो तो विधुत द्विध्रुव का आधुर्ण
                         P = q×2a 
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण सदिश राशि है जिसकी दिशा प्राय: ऋणात्मक आवेश धनात्मक आवेश की और होती है ,द्विध्रुव आवेश को आपस में मिलाने वाली रेखा को द्विध्रुव अक्ष कहते हैं। इसका प्रभावी केंद्र P है|


द्विध्रुव आघूर्ण की इकाई
द्विध्रुव आध्रुर्ण= आवेश x लम्बाई 
= द्विध्रुव आघूर्ण= कुलाम× मीटर


जहाॅं:-
            आवेश की इकाई =कूलॉम ( c )
             लम्बाई की इकाई मीटर ( m )


द्विध्रुव आधुर्ण की विमा 
द्विध्रुव आध्रुर्ण= आवेश x लम्बाई 
=द्विध्रुव आधुर्ण ( P ) = ATL / ATI
                    या
द्विधुव्र आध्रुर्ण ( P ) =M0 L1 T1A1 होता है

जहाॅं:-
         आवेश की विमा = AT / AI
          लम्बाई की विमा = L
 

नोट :- रसायन विज्ञान में द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा धनावेश से ऋण आवेश की ओर मानी जाती है।
विद्युत द्विध्रुव का C.G.S मात्रक “डिबाइ” होता है।
दो समान एवं 10-10 फ्रेंकलिन आवेश वाले बिंदु आवेश एक दुसरे से 1Å दूरी पर रखे हो तो ऐसे निकाय के द्विध्रुव आघूर्ण को डिबाई कहते है।
1 डिबाई (D) = 10-10 x 10-8 = 10-18 Fr x cm
1D = 10-18 x C/3×109 x 10-2m = 3.3 x 10-30 c x m

S.I. मात्रक = कुलाम x मीटर = C x m
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